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अगर आपके भी घर में सूर्य की रौशनी नहीं पहुँच रही है तो करें यह उपाय

Written by Bhakti Pravah

सुर्यदेव साक्षात दिखाई देने वाले भगवान हैं। कहा जाता है सूर्यदेव को साध लेने से बाकी सभी ग्रह सध जाते हैं। सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में…..।

वैदिक ज्ञान के अनुसार मान्यता है कि श्री गणेशजी, भगवान शिव, भगवान विष्णु, मां दुर्गा और सूर्यदेव की पूजा प्रतिदिन करनी चाहिए। सूर्यदेव को प्रसन्न करने से परिवार के स्वास्‍थ्य में सुधार आता है और रोगों से लड़ने की शक्ति का विकास होता है।

प्रात: स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें। जिन घरों में सूर्यदेव का प्रकाश ठीक से नहीं पहुंचता है वहां सूर्यदेव की तांबे की प्रतिमा लगानी चाहिए। घर में जहां कीमती वस्तुएं रखी हों, वहां तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने से पैसों की कमी नहीं होती।

बच्चों के पढ़ाई वाले कक्ष में भी सूर्य प्रतिमा लगा सकते हैं। घर में उस जगह सूर्य प्रतिमा लगाएं जहां परिवार के लोग अधिक से अधिक समय व्यतीत करते हों। रसोई घर में तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।

जल में चावल, रोली, फूल पत्तियां आदि डालकर चढ़ाना चाहिए।

जल चढ़ाते समय गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

घर के मंदिर में तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने से घर-परिवार पर सूर्यदेव की कृपा बनी रहती है। घर की पूर्व दिशा में सात घोड़ों के रथ पर सवार सूर्यदेव की फोटो लगा सकते हैं। सूर्यदेव को जल अर्पित करने के लिए सिर्फ तांबे के पात्र का ही प्रयोग करें।

इस पात्र को अलग ही रखें और नियमित उपयोग में आने वाले तांबे के बर्तन का उपयोग न करें। लाल वस्त्र पहनकर सूर्यदेव को जल अर्पित करना अधिक प्रभावी माना गया है।

सूर्य मंत्र

ॐ मित्राय नमः, ॐ रवये नमः, ॐ सूर्याय नमः, ॐ भानवे नमः, ॐ खगाय नमः, ॐ पूष्णे नमः, ॐ हिरन्यगर्भाय नमः, ॐ मरीचये नमः, ॐ आदित्याय नमः, ॐ सवित्रे नमः, ॐ अर्काय नमः, ॐ भास्कराय नमः, ॐ श्री सवित्रि सूर्य नारायणाय नमः

सूर्य को जल अर्पित करने के फायदे…

1. ज्योत‌िषशास्‍त्र में सूर्य को आत्मा का कारक बताया गया है. इसलिए आत्म शुद्ध‌ि और आत्मबल बढ़ाने के लिए न‌ियम‌ित रूप से सूर्य को जल देना चाहिए

2. सूर्य को न‌ियम‌ित जल देने से शरीर ऊर्जावान बनता है और कार्यक्षेत्र में इसका लाभ म‌िलता है

3. अगर आपकी नौकरी में परेशानी हो रही है तो न‌ियम‌ित रूप से सूर्य को जल देने से उच्चाध‌िकारियों से सहयोग म‌िलने लगता है और मुश्क‌िलें दूर हो जाती हैं.

4. सूर्य को जल देने के लिए तांबे के पात्र का उपयोग करना बेहतर रहता है.

5. सूर्य को जल देने से पहले जल में चुटकी भर रोली म‌िलाएं और लाल फूल के साथ जल दें. इसके बाद जल देते समय 7 बार जल दें और सूर्य के मंत्र का जप करें.

क्यों सूर्य को चढ़ाते हैं कारण जानिए….?

सूर्य को जल चढ़ाने से हमारे व्यक्तित्व पर सीधा असर पड़ता है। चूकिं सूर्य को सभी ग्रहों के स्वामी है, इसलिए अगर वो प्रसन्न हो जाएं तो बाकी के ग्रह अपने आप कृपा बरसाएंगे। पुराणों में सूर्य की उपासना को सभी रोगों को दूर करने वाला बताया गया है। वहीं हिंदू धर्म के मुताबिक सूर्य को जल देने से आपके जीवन में संतुलन आती है।

वैज्ञानिक कारण

सूर्य को जल चढ़ाने के पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि जब हम सूर्य को जल चढ़ाते हैं तो इससे हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। सुबह की ताजी हवा और सूर्य की पहली किरणें हम पर पड़ती हैं। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। सूर्य को जल चढ़ाते वक्त पानी की धारा के बीच उगते सूरज को देखते हैं तो नेत्र ज्योति बढ़ती है। सूर्य की किरणों में विटामिन डी जैसे कई गुण भी मौजूद होते हैं, जो हमारे लिए लाभकारी है।

ज्योतिष का तर्क

ज्योतिष के मुताबिक सूर्य सभी ग्रहों के अधिपति है। अगर सभी ग्रहों को प्रसन्न करने के बजाय केवल सूर्य की ही आराधना की जाए और उन्हें नियमित रूप से जल चढ़ाना जाए तो आपके भाग्य का उदय होना निश्चित है।

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