अध्यात्म ज्ञानवर्धक कहानी

पिता और पुत्र की बहुत ही रोचक कहानी, आप भी पढ़कर Inspired हो जायेंगे

Written by Bhakti Pravah

आज के समय में जहा परिवार एक जगह बैठ कर नहीं खाता है चाहे वो समय का आभाव कहें या परिवार की आपसी बात, मगर शायद आपको जानकार हैरानी होगी जब आप यह पिता और पुत्र की बहुत ही रोचक कहानी पढेंगे. हो सकता है अपने पहले भी पढ़ी हो, हम चाहेंगे की आप आप इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि आने वाली पीढ़ी हमें वृद्ध आश्रम या इज्ज़त करना छोड़ दे… क्योकि एक दिन हम भी बूढ़े होंगे…

एक बेटा अपने वृद्ध पिता को रात्रि भोज के लिए एक अच्छे रेस्टॉरेंट में लेकर गया। खाने के दौरान वृद्ध पिता ने कई बार भोजन अपने कपड़ों पर गिराया। रेस्टॉरेंट में बैठे खाना खा रहे दूसरे लोग वृद्ध को घृणा की नजरों से देख रहे थे, लेकिन वृद्ध का बेटा शांत था। खाने के बाद बिना किसी शर्म के बेटा, वृद्ध को वॉश रूम ले गया। उनके कपड़े साफ़ किये, उनका चेहरा साफ़ किया, उनके बालों में कंघी की,चश्मा पहनाया और फिर बाहर लाया।

सभी लोग खामोशी से उन्हें ही देख रहे थे। बेटे ने बिल का भुगतान किया और वृद्ध के साथ बाहर जाने लगा। तभी डिनर कर रहे एक अन्य वृद्ध ने बेटे को आवाज दी और उससे पूछा “क्या तुम्हे नहीं लगता कि यहाँ अपने पीछे तुम कुछ छोड़ कर जा रहे हो ?”

बेटे ने जवाब दिया “नहीं सर, मैं कुछ भी छोड़ कर नहीं जा रहा।”

वृद्ध ने कहा “बेटे, तुम यहाँ छोड़ कर जा रहे हो, प्रत्येक पुत्र के लिए एक शिक्षा (सबक) और प्रत्येक पिता के लिए उम्मीद (आशा)।”

आमतौर पर हम लोग अपने बुजुर्ग माता पिता को अपने साथ बाहर ले जाना पसंद नहीँ करते और कहते हैं क्या करोगे आप? आप से चला तो जाता नहीं। ठीक से खाया भी नहीं जाता। आप तो घर पर ही रहो वही अच्छा होगा।

क्या आप भूल गये जब आप छोटे थे और आप के माता पिता आप को अपनी गोद मे उठा कर ले जाया करते थे,

आप जब ठीक से खा नही पाते थे तो माँ आपको अपने हाथ से खाना खिलाती थी और खाना गिर जाने पर डाँट नही प्यार जताती थी। फिर वही माँ बाप बुढापे मे बोझ क्यो लगने लगते हैं ???

माँ बाप भगवान का रूप होते है उनकी सेवा कीजिये और प्यार दीजिये… क्योंकि एक दिन आप भी बूढ़े होगें।

अगर आपको भी यह कहानी पसंद आई हो तो प्लीज प्लीज प्लीज इसे शेयर जरुर करें.

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A son took his old father to a restaurant for an evening dinner. Father being very old and weak, while eating, dropped food on his shirt and trousers.
Other diners watched him in disgust while his son was calm.

After he finished eating, his son who was not at all embarrassed, quietly took him to the washroom, wiped the food particles, removed the stains, combed his hair and fitted his spectacles firmly. When they came out, the entire restaurant was watching them in dead silence, not able to grasp how someone could embarrass themselves publicly like that. The son settled the bill and started walking out with his father.

At that time, an old man amongst the diners called out to the son and asked him, “Don’t you think you have left something behind?”.

The son replied, “No sir, I haven’t”.

The old man retorted, “Yes, you have! You left a lesson for every son and hope for every father”.
The restaurant went silent.

Moral : Always respect your parents, because one day you’ll also become older.

If you really like this story it is humble request you to share with your family and friends. please please please….

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