ज्योतिष

शनिदेव को क्योँ कहा गया न्यायधीश

न्यायधीश हैं शनिदेव
Written by Bhakti Pravah

आज की भक्ति प्रवाह की चर्चा में हम बात करेंगे क्योँ  शनिदेव को कहा गया न्यायधीश.

शनि देव धोखा देने वाले को, रिश्वत लेने वाले को, चुगली करने वाले को, गद्दारी करने की सज़ा तो देते ही हैं । जो चालाकियां कर दूसरों को बेवकूफ बनाता है शनिदेव उसे तो सबक सिखाते ही है ।

– शनिदेव के इंसाफ का तराजू जब हिलता है तो 100 अच्छे कामों की आड़ में किया गया केवल 1 धोका सज़ा दिलवाने के लिए काफी होता है ।

– आज कल लोग जन्मनक्षत्र या जन्म राशि के अनुसार शनिदेव का रत्न नीलम धारण कर तो लेते हैं पर कुछ ही दिन बाद उनके मुख से ये निकलता है की ये नीलम मुझे सूट नही कर रहा जबकि होता ये है की अपनी करतूतों के वो नीलम रत्न और शनिदेव के आशीर्वाद के काबिल ही नही होते, मैं ऐसे लोगों को ये कहता हूँ की चाहे तुम्हारी कुंडली में शनि उच्च हैं पर तुम्हारी हरकतें फिर भी शनिदेव को सूट नही करती ।

– शनिदेव ने कई मेहनती लोगों को रंक से बादशाह बनाया है और कई चालाक लोगों को सामने रंगीन दुनिया , बहुत सा पैसा और ताकत दिखा कर गोल गोल घुमाते रहते हैं और उसे उसकी हैसियत याद करवाते रहते हैं ।

– कुण्डली में गुरु शुक्र मंगल सूर्य उच्च भी हो सकते हैं परन्तु आपके कर्म और कारोबार शनिदेव की कसौटी पर खरे न उतर पाएं तो सब निष्फल हो जाता है ।

– 2 नम्बरी कारोबार , कम वजन तोलने वाले , रिश्वत लेने वाले बेदर्द अफसर को शनिदेव ऊपर उठा कर नीचे पटक देते हैं , जानबूझ कर काफी दौलत देकर मन की शांति , सेहत , गृहस्थी और औलाद का सुख समाप्त कर देते हैं , ऐसे लोगो को 50 वर्ष की आयु के बाद जब आराम की जरूरत होती है तब शनिदेव मुसीबत में डाल देते हैं , अस्पताल – पागलखाना – जेल इन जगहों पर न्यायधीश शनिदेव का कब्ज़ा है और राहु-केतु शनिदेव के ही चेले हैं ।

– शनिदेव के क्रोप से बचने का और शनिदेव के स्नेह प्राप्त करने का एक ही उपाय है वो है ” ईमानदारी ” संघर्ष और शुभ कर्म करना ।

– शनिदेव किसी से नही डरते वो हनुमान जी के भक्तो का भी मुकाबला कर लेते है अगर वो बेईमान और रिश्वत खोर हो , शनिदेव केवल महादेव शिव जी की बात मानते हैं जो भी शिव की भांति शांत स्वभाव और जमीन पर झुक कर रहने वाला , स्वयम् से मतलब रखने वाला , निस्वार्थ हो कर जीवन व्यतीत करने वाला हो शनिदेव और महादेव उसे जीवन चक्कर से मुक्त कर देते हैं ।

– राहु और केतु वकील हैं , शनि न्यायधीश है तो महादेव शिव ही सर्वोच्च न्यायालय हैं ।

जो इन बातों को याद रखते है शनिदेव की कृपा के पात्र स्वयम् ही हो जाते हैं

पोस्ट आभार :  श्री पंडित प्रदीप उपमन्यू जी

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