अध्यात्म चालीसा छोटे छोटे उपाय

जानिये गणेश जी के दिव्य 10 मन्त्र

Written by Bhakti Pravah

1. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा ।।

यह महागणपती मंत्र है। चतुर्थी तिथी से 21 दिनो तक प्रतिदिन गणेशजी के निमित्त गं गणेशं तर्पयामी से 444 बार प्रतिदिन तर्पण करें । इससे आपको सर्वआपदाओं से मुक्ती मिलेगी ।
इस प्रयोग से करने से स्त्री व पुरूष के दुर्व्यसन भी कम हो जाते हें यदि कोई पुरूष किसी स्त्री के लिये करेगा तो स्त्री के , और यदि कोइ स्त्री किसी पुरूष के लिये करेगी तो पुरूष के व्यसनो से छुटकारा मिलेगा ।

2. ॐ वं वक्रतुण्डाय नमः ।।

चतुर्थी तिथी से 21दिनो तक इस मंत्र के 51माला के जाप व 444 बार प्रतिदिन तर्पण करें । शत्रुओ से निजात मिलेगी ।

3. ॐ श्रीं रति सहितं कामराजं नमः ।।

चतुर्थी तिथी से 21 दिनो तक इस मंत्र के 51 माला जाप व 444 बार प्रतिदिन तर्पण करें करें । आपको सुन्दर वर की प्राप्ती होगी ।

4. ॐ श्रीं कामराजं सहितं रतिं नमः ।।

चतुर्थी तिथी से 21 दिनो तक इस मंत्र के 51माला के जाप व 444 बार प्रतिदिन तर्पण करें । आपको सुन्दर पत्नी की प्राप्ती होगी ।

5. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।। ॐ गिरिजेशं नमः ।।

चतुर्थी तिथी से 21 दिनो तक इस मंत्र के 51 माला के जाप व 444 बार प्रतिदिन तर्पण करें । आपको ग्रह क्लेशों से व असाध्य रोगों से मुक्ती मिलेगी ।

6. ॐ ऋद्धि सहितं आमोदं नमः ।।

चतुर्थी तिथी से 21 दिनो तक इस मंत्र के 51 माला के जाप व 444 बार प्रतिदिन तर्पण करें । परोपकार व कल्याण की भावना से करेंगे तो आपका स्वयं का व दूसरों का कल्याण करने की शक्ती मिलेगी ।

7. ॐ उमापुत्रं नमः ।।

चतुर्थी तिथी से 21 दिनो तक इस मंत्र के 51 माला के जाप व 444 बार प्रतिदिन तर्पण करें । आपको सुन्दर पुत्र की प्राप्ती होगी ।

8. ॐ शं शंखनिधीं नमः ।।

चतुर्थी तिथी से 21 दिनो तक इस मंत्र के 51माला के जाप व 444 बार प्रतिदिन तर्पण करें । आपने जो धन खो दिया है या आपका कोई धन वापस नही कर रहा है या कोई वस्तु खो गयी है या आपका कोई परिजन आपको छोड करके दूर चला गया हे तो उन सब को वापस से प्राप्त कर लेने मे सहायता मिलेगी ।

9. ॐ अभया सहितं विघ्नकर्तारं नमः ।।

चतुर्थी तिथी से 21 दिनो तक इस मंत्र के 51 माला के जाप व 444 बार प्रतिदिन तर्पण करें । आपको यदि किसी इंसान का या ऊपरी अला बला का भय है या किसी के बंधन मे हैं तो उससे मुक्ती मिलने मे सहायता मिलेगी ।

10. ॐ क्षेमदायिनी सहितं विघ्नराजं नमः ।।

चतुर्थी तिथी से 21 दिनो तक इस मंत्र के 51 माला के जाप व 444 बार प्रतिदिन तर्पण करें । आपको शुभता प्राप्त होगी व आपका कल्याण होगा ।

Leave a Comment