ज्योतिष

खराब असरों को दूर करने के लिये

Written by Bhakti Pravah

लालकिताब के द्वारा ग्रहों के द्वारा दिये जाने वाले खराब असरों को दूर करने के लिये उपाय बताये गये है,साधारण भाषा में इन उपायों को टोटका कहा जाता है,यह सभी टोटके किसी प्रकार से भी जादू-टोने की गिनती में नही आते है,जो लोग समझदार है,वे अपने द्वारा प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से इन्हे अपनी जिन्दगी में अपनाते रहते है,और अपने जीवन में अधिक से अधिक सुखी रहते है,ग्रह अपना प्रभाव जरूर देते है,और उपाय या टोटके केवल उसी प्रकार से काम आते है,जिस प्रकार से वर्षा होने पर छतरी का उपयोग शरीर को भीगने से बचाता है,बारिस को नही रोका जा सकता है,लेकिन अपने को भीगने से बचाया जा सकता है,लेकिन टोटके भी तभी काम आते हैं जब :- ग्रह भाव में बैठ कर भाव का फ़ल दे रहा हो,तो दिये जाने वाले फ़लों के प्रति उपाय किये जा सकते है,और बचा भी जा सकता है,जैसे सूर्य जन्म कुन्डली में दूसरे भाव में बैठ कर दूसरे भाव का फ़ल जैसे नगद धन के जमा होते ही सरकारी अडचनो से धन की बरबादी हो रही हो तो सूर्य के उपाय करने से बचा जा सकता है,उसी प्रकार से शनि अगर चौथे भाव में बैठ कर घर में नीरसता दे रहा हो,ह्रदय में ठंडक दे रहा हो,सांस की तकलीफ़े मिल रही हों तो उपाय किये जा सकते है.

वही ग्रह जब अपना फ़ल खुद ही देना चालू कर देता है,तो उसका उपाय नही हो सकता है, जैसे सूर्य जब दूसरे भाव मै बैठ कर अपना गलत फ़ल देता है,तो चेहरा टेढा मेढा हो जाता है,आग से झुलस जाता है,पिता को बीमारियां हो जाती है,पिता के अन्दर घमंड की मात्रा का बढावा यह सूर्य देता है,माता के बडे भाई की दादागीरी परिवार में चलने लगती है,उस समय इस सूर्य के लिये किया जाने वाला कोई भी उपाय काम नही करता है,उसी प्रकार से जैसे शनि चौथे भाव में बैठकर अगर अपना खुद का फ़ल देता है,तो जातक घर की दीवालों को क्षरण देता है,रहने वाले स्थान पर कामगार लोगों की बस्ती होती है,नीचे स्थान पर रहने का स्थान होता है,इसे नही बदला जा सकता है,जहां जन्म हुआ है,उसे किसी प्रकार से नही बदला जा सकता है,कारण दुबारा से जन्म नही दिया जा सकता है

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