शुक्र वृष और तुला राशि के स्वामी हैं| यह मीन राशि में उच्च व कन्या राशि में नीच के होते है| शुक्र को लक्ष्मी का स्वरूप और स्त्री ग्रह माना जाता है | शुक्र को पति-पत्नी ,प्रेम सम्बन्ध ,ऐश्वर्य,आनंद आदि का कारक माना जाता है| शुक्र को काम सुख,भोग-विलास ,वाहन ,सुंदरता ,गीत-संगीत ,नृत्य ,विवाह,अभिनय ,वीर्य ,मनोरंजन,वस्त्र, आभूषण आदि का भी प्रतीक माना जाता है | शुक्र के प्रभाव वाले जातक आमतौर से रसिक और अपने प्रेम संबंधो को लेंकर सक्रिय होते है| ऐसे व्यक्ति सुन्दरता और ऐश्वर्यों का भोग करते है |
शुक्र के कमजोर या अशुभ होने पर
शुक्र के कमजोर या अशुभ होने पर मन में चंचलता रहती है और मन में स्थिरता नहीं रहती | खान पान में अरुचि, भोग विलास में रूचि ,चर्म रोग,नेत्र रोग, गुप्त रोग ,वीर्य दोष से होने वाले रोग और वीर्य विकार आदि से चेहरे पर तेजहीन, शरीर का कमजोर या दुर्बल होना, स्वप्न दोष आदि की शिकायत रहती है और धन का नाश होता है | महिलाओं की कुंडली में शुक्र के बुरे ग्रहों का प्रभाव उनकी प्रजनन प्रणाली को कमजोर कर सकता है| संभोग से लेकर प्रेम तक सभी विषयो को जानने के लिए शुक्र की स्तिथि को महत्पूर्ण माना जाता है |
अगर आपका शुक्र कमज़ोर है तो शुक्र की स्तिथि मजबूत करने के लिए आप यह उपाए करना लाभदायक होगा:
उपाय
1) माँ लक्ष्मी की सेवा आराधना करें
2) स्वय के भोजन में से गाय को प्रतिदिन कुछ हिस्सा अवश्य दें
3) गरीब बच्चो या छात्रों को अध्यन सामग्री वितरित करें
4) हीरा ,ओपल या जरकन पहने
5)सिद्ध शुक्र यंत्र की स्थापना करें
6) शुक्र मन्त्र का जप करें
कोई भी उपाए योग्य ज्योतिषी का परामर्श लेकर ही करें।
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