प्राय: देखा गया है कि अच्छी भली चलते विद्याअध्ययन में रूकावट खडी हो जाती है. जन्मकुंडली में शिक्षा से संबंधित कुछ ऐसे बाधा योग उपस्थित हो जाते हैं कि जन्म कुंडली में उच्च शिक्षा का योग होने पर भी कभी-कभी जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करना तो दूर बल्कि सामान्य शिक्षा भी प्राप्त नही कर पाता. शिक्षा प्राप्ति में कुछ रुकावट वाले वाले योगइस प्रकार होते हैं.
यदि पंचमेशयानी कुंडली में 5 हॉउस का मालिक 6, 8 या 12 वें भाव में स्थित हो या किसी अशुभ ग्रह के साथ स्थित हो या अशुभ ग्रह से देखा जाता हो, तो जातक को शिक्षा प्राप्त करने में बाधा आती हैं. ज्यादातर शिक्षा प्राप्ति के समय यदि राहु की महादशा आ जाये तो जातक का मन विध्याअध्ययन के प्रति ऊब जाता है और वो अन्य सांसारिक पचडों में उलझ जाता है. जातक की कुंडली में अगर गुरु या बुध 3, 6, 8 या 12 वें भावगत हो, शत्रुगृही हो, तो शिक्षा प्राप्ति में अनावश्यक अवरोध खडा हो जाता है.
जातक की जन्म कुंडली में द्वितीय भाव 2 ‘हॉउस में अशुभ ग्रह स्थित हो अथवा अशुभ ग्रहो का संबंध किसी भी रूप में द्वितीय भाव को दूषित कर रहा हो , तो विद्या प्राप्ति में रूकावट समझना चाहिये. इसी समय में अगर जातक की दशा अंतर्दशाओं में द्वितियेश का अष्टम भाव से संबंध बन जाये तो निश्चय ही शिक्षा में बाधा आयेगी.
इसके अलावा जन्म कुंडली में शनि पंचम भाव 5 हॉउस अथवा अष्टम यानी 8 वें घर भावगत हो तो भी शिक्षा अपूर्ण ही रह जाती है. पंचम भाव, पंचमेश, तृतीयेश, या नवमेष पर अशुभ प्रभाव हो, तो विद्या अध्ययन में व्यवधान आ जाता हैं धन, विद्या, वाणी एवं स्वयं के कोष के लिये द्वितीय भाव से विचार करना चाहिए.
विद्या अध्ययन में व्यवधान दूर करने के उपाय:-
अगर ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण अथवा किन्ही तात्कालिक अंतर्दशाओं की वजह से विद्या प्राप्ति में अडचन खदी हो रही हो, बालक की स्मरण शक्ति कमजोर हो अथवा एकाग्रता की कमी हो रही हो, इस स्थिति में लाभ हेतु अभिमंत्रित किये रत्न को धारण करना चाहिये.या उनसे सम्बंधित उपाय करें
अभिमंत्रित तीन मुखी रूद्राक्ष गले में, काले धागे में धारण करवाने से मन विद्या अध्ययन में एकाग्र होता है.
जन्म कुंडली में उच्च शिक्षा का योग विद्यमान हो, इसके बावजूद भी शिक्षा में अशुभ ग्रहों की दशा/अंतर्दशाओं के कारण अडचन आ रही हो तो संबंधित ग्रह की शांति हेतु उस ग्रह से संबंधित उपाय करने से अत्यंत मंगल दायक फ़ल प्राप्त होते हैं, इसके अलावा किसी योग्य देवैज्ञ से सलाह लेकर भी उपाय किये जा सकते हैं.*
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