ज्योतिष

शनि देव कब अच्छे और कब बुरे हो जाते हैं

Written by Bhakti Pravah

जब कुंडली में शनि देव के साथ सूर्य का सम्बन्ध बन जाये तो शनि का फल अच्छा नहीं होता।

शनि जब अपनी नीच राशि मेष में हो तब भी शनि के फल मन्दे हो जाते हैं और जब शनि किसी की कुंडली में लग्न में हों और 7 और 10 घर में कोई ग्रह हो तो भी शनि के बुरे फल के हो जाते हैं।

शनि देव जिसकी कुंडली में अच्छे ना हों उसको साढेसाती में बहुत परेशानी होती है।उस समय वो धनी मानी व्यक्ति की अकड़ भी ढीली कर उसे सही रास्ते पर चलने के लिए मजबूर कर देते हैं।

ऐसा व्यकित जब तक झुकना ना सीख़ जाये तब तक शनि उसको परेशान करते हैं  फिर बाद में उसे दुबारा ऊंचाइयों पर ले जाते हैं। और उसका जो भी साढेसाती समय में धन बर्बाद होता है। उससे भी ज्यादा उसे वापिस देते हैं।

हकीकत में शनि एसे मास्टर हैं । जो अपने विध्यार्थी को पीट पीट के लोहे से सोना बनाते हैं। जब शनि देव अच्छे हों तो व्यक्ति को बैठ के खाने पीने के सुख।नौकर चाकर के सुख अच्छे रहते हैं ।ऐसे व्यकित को नौकर अच्छे और वफादार मिलते हैं। चाचा के सुख मिलते हैं चाचा से लाभ भी मिलता है।और चाचा भी पूर्ण ऐश्वर्या के साथ जीवन गुजारते अच्छा और सुंदर मकान के सुख।मशीनरी से सम्बंधित काम काज फॅक्टरी अदि के काम करते हैं।

कम मेहनत में पूरा लाभ मिलता है। ऐसे व्यकित के लिए दुसरे लोग कमाते हैं यानी नौकर चाकर आदि। लेकिन जब शनि देव मन्दे नीच के हों और बुराई पर आ जाएँ तो मेहनत का फल नहीं मिलता बड़ी ही मुश्किल से गुजारे लायक पैसा मिलता है। मकान तक बिकवा देते हैं। नौकर चाकर धोखा देते हैं।लूट के खा जाते हैं। घर के बुजरगों और माँ के शरीर में जोड़ों में दर्द परेशानी देते हैं।

जिसके कारण व्यकित खुद डब्बल माइंड और कन्फ्यूजन में रहता है। मकान और अन्य प्रॉपर्टी बिकती हैं। घर में क्लेश का माहौल बना रहता है। वाहन सुख नस्ट हो जाता है। अकस्मात अनजानी घटनाएं होती हैं। घर की समृद्धि नस्ट हो जाती है। परिवार और रिस्तेदारो की सहायता नहीं मिलती बल्कि दुश्मन बन जाते हैं। इस तरह जातक खुद को ज्यादा समझदार समझता है। और नुक्शान उठाता है।

एक खास बात और होती है ऐसे समय में की सब से बिगड़ जाती है भाई बहन रिश्तेदार पर पत्नी से अच्छे सम्बन्ध बने रहते हैं।
शनि देव व्यकित का घमण्ड तोड़ने का काम करते हैं।पर मौत नहीं देते

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