हस्त रेखा

हस्त रेखा देखना – हस्त रेखा 03

Written by Bhakti Pravah

हस्त रेखा 3:-आज हम हाथ की रेखाओ के बारे में पढ़ेंगे।जब बालक जन्म लेता हे तब उसके हाथ बन्द होते हे यानिकी वो अपनी किस्मत में कुछ लेकर आता हे लेकिन जब वो जाता हे तो अपने दोनों हाथ खोलकर जाता हे सब यही छोड़ जाता हे।हमारे हाथ की रेखाए भी हमारे जीवन का हर पहलू बता सकती हे लेकिन हमे सही पढ़ना आना चाहिए।हाथ में जीवन में जीवन रेखा ह्रदय रेखा ओर मस्तिष्क रेखा ये रेखाए कभी भी नही बदलती हे बाकि सभी रेखाएँ बार-बार बदलती रहती हे।जीवन रेखा:-हाथ में यह रेखा सबके पाई जाती हे।इस रेखा से जातक के जीवन में आने वाली समस्यों और दुर्धटना के बारे में जानकारी मिलती हे।मस्तिष्क रेखा यह रेखा जीवन रेखा के पास से चलकर चन्द्र पर्वत के ऊपर या कई बार चन्द्र पर्वत तक जाती हे ।इस रेखा से जातक का मस्तिष्क और उसके ज्ञान विधा दूर दर्शिता का मालूम पड़ता हे।हदृय रेखा:-यह रेखा बुध पर्वत से चलकर गुरु पर्वत या शनि पर्वत के निचे तक आकर रुक जाती हे।कई हाथो में ह्रदय रेखा बहुत छोटी या कई बार तो होती ही नही हे।भाग्य रेखा:-यह रेखा कहि से भी चलकर शनि पर्वत के नीचे तक आये तो भाग्य रेखा कहलाती हे।कई बार यह रेखा छोटी भी पाई जाती हे।मंगल रेखा :-जो रेखा जीवन रेखा के साथ चलती हे या उसके पास एक लाइन होती हे उसे मंगल रेखा कहते हे यह हमेशा जीवन में होने वाले संकटो से बचाव करती हे। गुरु रेखा :-गुरु पर्वत पर कोई खड़ी रेखा गुरु रेखा कहलाती हे यह जातक को ज्ञानी बनाती हे।शनि रेखा:-शनि पर्वत के निचे कोई खड़ी रेखा शनि रेखा कहलाती हे यह रेखा जातक के मेहनती और कार्य क्षमता के बारे में बताती हे।सूर्य रेखा:-सूर्य पर्वत के निचे कोई रेखा हो तो सूर्य रेखा कहलाती हे यह रेखा यश कीर्ति मान संम्मान और राजकीय श्रेत्र में सफलता को बताती हे। यह सेवा श्री सुरेश जी इसरानी द डिजिटल वर्ल्ड सरदार पूरा जोधपुर वालो की और से दी जा रही हे।1:-जीवन रेखा 2:-मस्तिष्क रेखा 3;- ह्रदय रेखा 4:-भाग्य रेखा 5:-मंगल रेखा 6:-गुरु रेखा 7:-शनि रेखा 8:-सूर्य रेखा कल आगे की रेखाओं के बारे में जानकारी लेगें

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