अध्यात्म छोटे छोटे उपाय

शनि देव को मित्र बनाये शत्रु नही

Written by Bhakti Pravah

शनि जैसा मित्र नही मिलेगा इतनी विशेषताये गुणों से भरपूर है ये ग्रह

(1)- बड़ो को तो दुनिया सलाम करती है पर जो दीन हीन,नोकर,मजदुर,अपंग का प्रतिनिधित्व करे वो शनि है।

(2)- उदारता ओर उपकार का श्रेय देने वाला जो मंगल को भी अपनी मकर राशि मे उच्च स्थान पर बिठाए।

(3)- मित्र ऐसा कि किसी को तिरछी नजर से घूर दे तो कंपकपी चढ़ जाए।

(4)-होशियार इतना बना दे कि सारी चालाकी ओर धूर्तता क्या होती है सब समझ मे आ जाये।

(6)-पूरे शरीर का भार उठाये,जोड़ो ओर गांठो तथा पैरों की शक्ति बने।

(7)-स्वयं काला पर दूसरे रंगों की आउट लाइन बनकर उनकी खूबसूरती सँवार दे।

(8)-बड़े बड़े उद्योग धंधे की मशीनरी ओर लेबर सर्विस साथ ही तमाम खेतिहर जमीन और जमीन में पाई जाने वाले खनिज तत्त्व ओर खनन का शहंशाह।

(9)-इंसाफ पसंद सर्वदा न्याय का पक्षधर,धैर्यपूर्वक तसल्ली बक्श कार्य करना।

(10)-उच्च शिक्षा जैसे डॉक्टर, इलेक्ट्रिक ओर मेकेनिकल अभियंता बना दे। वैराग्य ओर संन्यासी बनाकर प्रभु शरण मे लगा दे।

ऐसे अनेक गुण है जिनसे भरपुर शनि ग्रह है एक पूर्ण परिपक्व समझ और जीने की कला सिखाने वाला शनि ग्रह आपका मित्र कैसे बने आपके अनुकूल हो। कुंडली मे शनि अच्छा या बुरा जो भी हो कुछ निम्न उपाय करके इन्हें अपने अनुकूल कर सकते है।

(1)- श्री हनुमान जी महाराज की भक्ति पूजन,सुन्दर कांड पाठ, श्री रामचरित मानस की कुछ चौपाई नित्य नियम पूर्वक अर्थ समेत समझते हुए पड़ना।

(2)-हमेशा अपने हक हलाल के दायरे में रहकर ही ईमानदारी पूर्वक सद व्यवहार करें।

(3)- अपने से बड़े चाचा ताऊ ओर वृद्ध लोगो की सेवा करे उनका आदर करे।

(4)- नोकर ओर मजदूर,सफाई कर्मचारी एवं अन्य सभी लोगो को उनकी उचित मजदूरी अवश्य दे।

(5)- अपंग,कोड़ी,लाचार आदि लोगो पर कभी भी हँसे नही उनका मजाक ना बनाये बल्कि यथा शक्ति उनकी मदद करे।

(6)- हर गलत कार्य करने से पहले सोच ले यही मित्र फिर आपसे भी इंसाफ करेगा अतः सदैव नेक ओर शुभ कार्ये कर इन्हें अपने अनुकूल कर पक्की दोस्ती करे

(7)- शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को माह में एक बार नियम पूर्वक थोड़ा सिंदूर ओर चमेली का तेल,एक जोड़ा जनेऊ, दो बेसन के लड्डू ओर दक्षिणा किसी हनुमान मंदिर में जहाँ चोला चढ़ाया जाता हो श्रद्धा पूर्वक दे और विग्रह के आगे योनि मुद्रा में प्रणाम कर सुख,शांति,समृद्धि के लिये निवेदन करे।

(8)- शनिवार को शनि प्रतिमा पर थोड़ा शुद्ध सरसो का तेल चढ़ाये। शनि मंत्रो की कम से कम एक माला जरूर करे यदि साढेसाती के कारण परेशानी अधिक है तो काली साबुत उडद,काला तिल,लोहा,चमड़ा, काली चीजे,जुते, काला वस्त्र सायंकाल वृद्ध मजदूर,नोकर या जरूरत मंद को प्रेम पूर्वक दान कर उनका आशीष गृहण करे।

(9)- शनि दशा या साढेसाती में शनि अनुकूल हो इसके लिये माह में एक बार सवा किलो देसी काले चने भिगोकर शनिवार को सरसों तेल में हल्के मसाले डालकर छोक ले। ओर उसके तीन भागकर एक भाग किसी अपंग,मजदूर कौड़ी में से जो मिले उसे दे। दूसरा भाग काली भेस या भैसा मिले उसे दे और तीसरा भाग किसी चौराहे पर जहाँ पक्षी आते हो वहाँ रख दे।

(10)-यदि उपरोक्त उपाय का समय नही है तो उपरोक्त सावधानी तो जीवन मे रखनी ही पड़ेगी किन्तु किसी योग्य कर्मकांडी ब्राह्मण से शनि के 23000 वैदिक मंत्रों का जप व पुजन आदि कराकर शांति अवश्य प्राप्त कर सकते है। श्रद्धा पूर्वक की गई प्रार्थना पूजा और उपाय निष्फल नही जाते है उनका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलता है।

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