वैसे तो उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग,कालभैरव मंदिर,हरसिद्धि मंदिर,बेताल पचीसी और अघोरी क्रियाकलाप जैसे अनेको धार्मिक तथ्यों से जुड़ा है। मै आपको उस शख्स के बारे में बताऊँगा जिसने भारत को “सोने की चिड़िया” बनाया था और स्वर्णिम काल लाया था … !!!
उज्जैन के राजा थे विक्रमादित्य।
विक्रमादित्य के नवरत्न में धन्वन्तरि, क्षपनक, अमरसिंह, शंकु, खटकरपारा, कालिदास,बेतालभट्ट,वररुचि और वराहमिहिर में थे।
👉आपको ये जानकार गर्व होगा की आज भारतीय संस्कृति केवल विक्रमादित्य के कारण ही अस्तित्व में है।
👉अशोक मौर्य ने बोद्ध धर्म अपना लिया था और बोद्ध बनकर 25 साल राज किया था,भारत में तब सनातन धर्म लगभग समाप्ति पर आ गया था, देश में बौद्ध और जैन हो गए थे।उस समय रामायण, और महाभारत जैसे ग्रन्थ खो गए थे, महाराज विक्रम ने ही पुनः उनकी खोज करवा कर स्थापित किया विष्णु और शिव जी के मंदिर बनवाये और सनातन धर्म और संस्कृति को बचाये रखा।
👉विक्रमदित्य के 9 रत्नों में से एक कालिदास ने अभिज्ञान शाकुन्तलम् लिखा, जिसमे भारत का इतिहास है अन्यथा भारत का इतिहास क्या मित्रो हम भगवान् कृष्ण और राम को ही खो चुके थे हमारे ग्रन्थ ही भारत में खोने के कगार पर आ गए थे।
👉महाराज विक्रमादित्य ने केवल सनातन धर्म ही नही बचाया,उन्होंने देश को आर्थिक तौर पर सोने की चिड़िया बनाई, उनके राज को ही भारत का स्वर्णिम राज कहा जाता है। विक्रमदित्य के काल में भारत का कपडा, विदेशी व्यपारी सोने के वजन से खरीदते थे भारत में इतना सोना आ गया था
👉नवरत्नों में से एक वराहमिहिर ने तीन महत्वपूर्ण पुस्तकें बृहज्जातक, बृहद्संहिता और पंचसिद्धांतिका(इसमें पूर्व प्रचलित पाँच सिद्धांतों-पोलिशसिद्धांत, रोमकसिद्धांत, वसिष्ठसिद्धांत, सूर्यसिद्धांत तथा पितामहसिद्धांत का वर्णन है) जो आज वर्तमान में फलित ज्योतिष का अभिन्न अंग है।
👉हिन्दू कैलंडर भी विक्रमदित्य का स्थापित किया हुआ है
आज जो भी ज्योतिष गणना है जैसे , हिन्दी सम्वंत , वार , तिथीयाँ , राशि , नक्षत्र , गोचर आदि उन्ही की रचना है , वे बहुत ही पराक्रमी , बलशाली और बुद्धिमान राजा थे ।
👉कई बार तो देवता भी उनसे न्याय करवाने आते थे ,विक्रमदित्य के काल में हर नियम,न्याय-प्रणाली धर्मशास्त्र के हिसाब से बने होते थे,विक्रमदित्य का काल राम-राज्य के बाद सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
😒पर बड़े दुःख की बात है की भारत के सबसे महानतम राजा के बारे में इतिहास भारत की जनता को शून्य ज्ञान देता है जबकि औरंगजेब और हुमांयू को महान बताता है।
Post by : Shri Vaibhav Dekate Ji
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