आकाशीय मंत्रीमंडल
1. राजा – मंगल
2. मन्त्री – गुरु
3. सस्येश – सूर्य
4. धान्येश – शुक्र
5. मेघेश – बुध
6. रसेश – मंगल
7. नीरसेश – सूर्य
8. फलेश – बुध
9. धनेश – शनि
10. दुर्गेश – बुध
नोट- इस संवत्सर का राजा मंगल है और मन्त्री गुरू है। सूर्य ग्रह के पास नीरसेश एंव सस्येश दो पद है।
मंगल के पास राजा एंव रसेश के दो महत्पूर्ण विभाग है। शुक्र के पास धान्येश एंव शनि के पास धनेश विभाग है। बुध के पास मेघेश, फलेश एंव दुर्गेश तीन विभाग है। अतः आकाशीय मन्त्रि मण्डिल 5 मन्त्रि मण्डल शुभ ग्रहों के पास है और 5 मन्त्रिमण्डल अशुभ ग्रहों के पास है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि इस वर्ष चन्द्रमा को कोई भी पद प्राप्त नहीं हुआ है.
इस वर्ष “साधारण” नामक संवत्सर होगा. जिसके स्वामी रुद्र (शिवजी) हैं.
संवत् 2074 का सामान्य फलादेश
संवत्सर का राजा मंगल है एंव मन्त्री गुरू। मंगल के अन्दर अग्नि कारक, विस्फोटक, साहसी, उर्जावान आदि गुण होते है। गुरू सत्व प्रधान है, राजनीतिक व शिक्षा का कारक भी है। अतः राजा का सलाहकार बहुत ही बुद्धिमान, नेक व ईमानदार होगा जिससे राजा को सही मार्गदर्शन प्राप्त होगा। राजा मंगल होने के फलस्वरूप भ्रष्टाचार पर अपेक्षित अंकुश लगेगा।
राजा देश व राज्य के हित के लिए कठोर निर्णय लेने में लेश मात्र भी संकोच नहीं करेगा। राजा के कार्यो की जनता भूरि-भूरि प्रशंसा करेगी। आर्थिक विकास की दर बेहतर होगी, आतंकवादी प्रयास निष्फल होगें। अतीत में किये गये विभिन्न प्रकार के घपले व भ्रष्टाचार के मामलें प्रकाश में आयेगी। दोषियों व अपराधियों को कठोर-कठोर से सजा मिलेगी।
देश के पूर्वी व उत्तरी राज्यों में सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम दे सकती है। संवत्सर का मन्त्रिपरिषद सुगठित व वैचारिक दृष्टि से एकमत वाला बना रहेगा। अच्छी वर्षा होगी, उत्तम कृषि होगी एंव जनता सुख शान्ति से युक्त होकर अपना जीवन व्यतीत करेगी।
न्यायिक व्यवस्था में सुधार के लिए कुछ कठोर कद्द उठाये जा सकते है।
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